Corona वायरस की रोकथाम में 13 से 15 तक निजामुददीन दिल्ली में आयोजित तबलीगी कार्यक्रम को बाधक बताने का प्रचार बहुत तेज है। तबलीगी कार्यक्रम में आने के लिए दूसरे देशों के मुसलमानों को बीजा किसने दिया? हवाई अड्डों पर बाहर से आने वालों की टेस्टिंग क्यों नहीं की? 15 मार्च को तबलीगी कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बाहर से आए हुए लोगों को ढूंढ ढूंढ कर वापस विदेश क्यों नहीं भेजा? Corona वायरस के भारत में फैलने और उसकी रोकथाम के संबंध में भारत सरकार ने क्या तैयारी की उससे जुड़े कुछ सवाल हैं।
1- Corona वायरस दिसंबर 2019 में चीन में डिटेक्ट हुआ।
2- भारत में पहला Corona वायरस का मरीज गुड़गांव में वेदांता अस्पताल में भर्ती हुआ।
3- इटली से कुछ पर्यटक जोधपुर घूमने आए थे। उनसे ही Corona वायरस भारत में फैलना शुरू हुआ था। उन पर्यटकों को भी गुड़गांव में भर्ती किया गया था।
4- 12 फरवरी 2020 को राहुल गांधी ने corona वायरस के खतरे पर ट्वीट किया था। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी ये सवाल लोक सभा में सरकार के सामने उठाया था।
5- 20 फरवरी 2020 को मोदी ने ट्वीट के जरिए लोगों को Corona से डरने की जरूरत नहीं है। भारत में ये वायरस नहीं आएगा।
6- 5 मार्च को स्वास्थ्य मंत्री हर्ष बर्धन ने भी ट्वीट कर विपक्ष की Corona पर की गई चिंता की खिल्ली उड़ाई थी।
7-18 जनवरी से 23 मार्च तक विदेशों से 15 लाख लोग भारत आए। बाहर से भारत आने वाले लोगों की टेस्टिंग हवाई अड्डों पर ही क्यों नहीं की गई? हवाई अड्डों पर टेस्ट करने के बाद आसानी से corona वायरस के मरीजों की पहचान करके उन्हें हॉस्पिटल्स में भर्ती करके देश की जनता को Corona वायरस के कहर से बचाया जा सकता था। लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया?
8- विदेशी लोगों को भारत आने के लिए बीजा भारत सरकार ने दिया था। विदेश से आने वाले विदेशी पर्यटकों के बीजा निरस्त क्यों नहीं किए?
9- देश में एक मात्र टेस्टिंग किट , मेडिकल सुविधाएं बनाने वाली कंपनी को विदेश में विपक्ष की रोक लगाने की मांग को अनसुना कर 24 मार्च तक निर्यात करने दिया गया।24 मार्च को निर्यात पर रोक लगाई है।
10- सरकार ने तीन महीने तक Corona वायरस की रोकथाम के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
11- Corona वायरस की रोकथाम के लिए मेडिकल सुविधाओं के निर्यात पर रोक क्यों नहीं लगाई।
12- Corona वायरस के संडे 29-03-2020 तक मात्र 35000 हजार लोगों का ही टेस्ट हुआ है। जबकि विभिन्न देश कई लाख लोगों का टेस्ट कर चुके हैं।
13- मेडिकल सुविधाओं की कमी के चलते, पहले से एतिहात बरते बिना विदेश से लोगों को देश में आने दिया गया। ऐसे में लॉक डाउन के अलावा कोई विकल्प सरकार ने नहीं छोड़ा।
14- दुनियां के अनुभव से भारत ने कुछ नहीं सीखा। अकेले लॉक डाउन से Corona वायरस के कहर का मुकाबला नहीं हो सकता है।
15- लॉक डाउन करने से पहले भी सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई। न तैयारी की। जिसके कारण लॉक डाउन के पहले सात दिन मजाक बन गए।
16- लाखों लोग सड़कों पर धकेल दिए गए। भूखे प्यासे मजदूरों की शर्मसार करने वाली घटनाओं ने लॉक डाउन का क्रूर चेहरा दिखाया। अब तक जितने लोग Corona वायरस के कारण मरे हैं, उससे ज्यादा लोग भूख प्यास, सैकड़ों किलोमीटर पैदल अपने अपने घर जाने के दौरान मर चुके हैं।
17- 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू लगाया। देश की जनता ने ईमानदारी से इसका पालन किया। लेकिन खुद प्रधानमंत्री की नासमझी वाली अपील पर बीजेपी के लोगों ने सड़कों पर उतर कर झुंड के झुंड में कहीं कहीं जुलूस बनाकर ताली थाली बजाई। क्यों?
18- 25 मार्च को लॉक डाउन के बाद उ प्र के मुख्यमंत्री योगी 200 से अधिक लोगों के साथ अयोध्या में मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। ये कैसा लॉक डाउन?
19- 2000 से अधिक विदेशी पर्यटक अभी भी गोवा में होटलों में रह रहे हैं। उन्हें उनके देश क्यों नहीं भेजा गया?
20- लोगों भोजन बांटने के नाम पर आरएसएस के लोग झुंड बनाकर शहर शहर घूम रहे हैं। ये क्या है?
किसी एक धर्म विशेष को निशाना बनाने के बजाय सभी धर्मो व संस्थाओं के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
केवल तबलीगी कार्यक्रम को मुद्दा बनाकर प्रचार करना मोदी सरकार की अकर्मण्यता और तानाशाही पूर्ण क़दमों से ध्यान बंटाने की कोशिश है।
1- Corona वायरस दिसंबर 2019 में चीन में डिटेक्ट हुआ।
2- भारत में पहला Corona वायरस का मरीज गुड़गांव में वेदांता अस्पताल में भर्ती हुआ।
3- इटली से कुछ पर्यटक जोधपुर घूमने आए थे। उनसे ही Corona वायरस भारत में फैलना शुरू हुआ था। उन पर्यटकों को भी गुड़गांव में भर्ती किया गया था।
4- 12 फरवरी 2020 को राहुल गांधी ने corona वायरस के खतरे पर ट्वीट किया था। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी ये सवाल लोक सभा में सरकार के सामने उठाया था।
5- 20 फरवरी 2020 को मोदी ने ट्वीट के जरिए लोगों को Corona से डरने की जरूरत नहीं है। भारत में ये वायरस नहीं आएगा।
6- 5 मार्च को स्वास्थ्य मंत्री हर्ष बर्धन ने भी ट्वीट कर विपक्ष की Corona पर की गई चिंता की खिल्ली उड़ाई थी।
7-18 जनवरी से 23 मार्च तक विदेशों से 15 लाख लोग भारत आए। बाहर से भारत आने वाले लोगों की टेस्टिंग हवाई अड्डों पर ही क्यों नहीं की गई? हवाई अड्डों पर टेस्ट करने के बाद आसानी से corona वायरस के मरीजों की पहचान करके उन्हें हॉस्पिटल्स में भर्ती करके देश की जनता को Corona वायरस के कहर से बचाया जा सकता था। लेकिन ऐसा क्यों नहीं किया?
8- विदेशी लोगों को भारत आने के लिए बीजा भारत सरकार ने दिया था। विदेश से आने वाले विदेशी पर्यटकों के बीजा निरस्त क्यों नहीं किए?
9- देश में एक मात्र टेस्टिंग किट , मेडिकल सुविधाएं बनाने वाली कंपनी को विदेश में विपक्ष की रोक लगाने की मांग को अनसुना कर 24 मार्च तक निर्यात करने दिया गया।24 मार्च को निर्यात पर रोक लगाई है।
10- सरकार ने तीन महीने तक Corona वायरस की रोकथाम के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
11- Corona वायरस की रोकथाम के लिए मेडिकल सुविधाओं के निर्यात पर रोक क्यों नहीं लगाई।
12- Corona वायरस के संडे 29-03-2020 तक मात्र 35000 हजार लोगों का ही टेस्ट हुआ है। जबकि विभिन्न देश कई लाख लोगों का टेस्ट कर चुके हैं।
13- मेडिकल सुविधाओं की कमी के चलते, पहले से एतिहात बरते बिना विदेश से लोगों को देश में आने दिया गया। ऐसे में लॉक डाउन के अलावा कोई विकल्प सरकार ने नहीं छोड़ा।
14- दुनियां के अनुभव से भारत ने कुछ नहीं सीखा। अकेले लॉक डाउन से Corona वायरस के कहर का मुकाबला नहीं हो सकता है।
15- लॉक डाउन करने से पहले भी सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई। न तैयारी की। जिसके कारण लॉक डाउन के पहले सात दिन मजाक बन गए।
16- लाखों लोग सड़कों पर धकेल दिए गए। भूखे प्यासे मजदूरों की शर्मसार करने वाली घटनाओं ने लॉक डाउन का क्रूर चेहरा दिखाया। अब तक जितने लोग Corona वायरस के कारण मरे हैं, उससे ज्यादा लोग भूख प्यास, सैकड़ों किलोमीटर पैदल अपने अपने घर जाने के दौरान मर चुके हैं।
17- 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू लगाया। देश की जनता ने ईमानदारी से इसका पालन किया। लेकिन खुद प्रधानमंत्री की नासमझी वाली अपील पर बीजेपी के लोगों ने सड़कों पर उतर कर झुंड के झुंड में कहीं कहीं जुलूस बनाकर ताली थाली बजाई। क्यों?
18- 25 मार्च को लॉक डाउन के बाद उ प्र के मुख्यमंत्री योगी 200 से अधिक लोगों के साथ अयोध्या में मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। ये कैसा लॉक डाउन?
19- 2000 से अधिक विदेशी पर्यटक अभी भी गोवा में होटलों में रह रहे हैं। उन्हें उनके देश क्यों नहीं भेजा गया?
20- लोगों भोजन बांटने के नाम पर आरएसएस के लोग झुंड बनाकर शहर शहर घूम रहे हैं। ये क्या है?
किसी एक धर्म विशेष को निशाना बनाने के बजाय सभी धर्मो व संस्थाओं के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
केवल तबलीगी कार्यक्रम को मुद्दा बनाकर प्रचार करना मोदी सरकार की अकर्मण्यता और तानाशाही पूर्ण क़दमों से ध्यान बंटाने की कोशिश है।
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